ऊना । हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में बंगाणा उपमंडल के तहत अंदरौली (कोलका) में गोबिंद सागर झील में पंजाब के सात युवकों की डूबने से मौत होने के बाद जिला प्रशासन की नींद टूटी है। आनन-फानन में प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही झील के किनारे जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। प्रशासन ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) ऊना को जांच का जिम्मा सौंपकर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए भी एडीएम को उपाय सुझाने के लिए कहा है। उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने आपदा प्रबंधन कानून-2005 की धारा 33 और 34 के तहत आगामी आदेशों तक झील के किनारों पर किसी के भी जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बरसात के मौसम में झील का जल स्तर बढ़ा है, इसलिए ये आदेश जारी किए गए हैं।
इन आदेशों की अनुपालना के लिए पुलिस अधीक्षक ऊना को पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, आम जनता को प्रतिबंध के संबंध में जानकारी देने के लिए एसडीएम बंगाणा को सूचना पट्ट लगाने के निर्देश दिए हैं। उधर, उपायुक्त ने बताया कि हादसे की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बता दें कि सोमवार दोपहर हिमाचल में धार्मिक स्थलों के दर्शन करने आए पंजाब मोहाली के बनूड़ के सात युवा गरीब नाथ मंदिर कोलका के पास गोबिंद सागर झील में डूब गए थे। नंगल से आई गोताखोर टीम ने सभी शव झील से बरामद कर लिए थे।
बता दें कि सोमवार को सावन के महीने में मंदिरों में दर्शन करने के लिए पंजाब से आए सात युवकों की गोबिंद सागर झील में डूबने से मौत हो गई थी। ये सभी झील में नहाने के लिए उतरे थे और तैरना नहीं जानते थे। झील की गहराई का अंदाजा न होने के कारण अचानक एक युवक डूबने लगा तो अन्य ने चेन बनाकर बचाने की कोशिश की। लेकिन देखते ही देखते सभी झील में डूब गए। गोताखोरों ने झील से सातों के शव निकाल लिए हैं। ये सभी मोहाली जिला के बनूड़ के रहने वाले थे।