क्राईम स्टोरी न्यूज़ हरिद्वार। प्रदेश भर में चल रहे ऑपरेशन मुक्ति अभियान का असर दिखाई देने लगा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भिक्षावृत्ति, कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने से लेकर कई कार्यों में लिप्त मासूमों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। पुलिस की अलग अलग टीमें भिक्षा नहीं, शिक्षा दें स्लोगन के बैनर तले ऑपरेशन मुक्ति अभियान चला रही है। मार्च माह में प्रथम चरण के दौरान सत्यापित 638 बच्चों का पुनः सत्यापन किया गया है। जिसमें 132 बच्चें विद्यालयों में अध्ययनरत पाए गए। खानाबदोश की तरह जीवनयापन कर रहे 506 बालक-बालिकाओं में से अधिकांश पलायन कर गए। कड़ी मशक्कत कर टीम ने उनमें से 79 बच्चों को फिर से ढूंढ निकाला, उनके परिजन की काउंसलिग के बाद विद्यालयों में उनका प्रवेश कराया गया। बकौल एसएसपी एक अप्रैल से शुरू हुए अभियान में मलिन बस्तियों, कॉलोनियों, गांव, विद्यालय में जाकर गोष्ठियों का आयोजन कर जन जागरुकता अभियान चलाया गया। 263 बच्चों का जिले के अलग-अलग प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी में दाखिला कराया गया। बताया कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने एक मार्च से अब तक 12 बच्चों का रेस्क्यू किया है। जिसमें से 11 बच्चों को सकुशल परिजनों के सुपुर्द किया जा चुका है। एक बच्चे को बाल संरक्षण गृह में दाखिल कर परिजनों की तलाश की जा रही है।