Crimestorynews.com इंदिरा मैराथन में धावक इस साल अपने पैर में इलेक्ट्रानिक चिप लगाकर दौड़ेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जयंती पर 19 नवंबर को इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इंदिरा मैराथन का यह 36वां संस्करण होगा।
उन्होने बताया कि इलेक्ट्रानिक चिप से धावकों के समय और दूरी का पता चल जाएगा। दौड़ शुरू होने से पहले सभी धावक चिप को पैर में पहनेंगे। मैराथन के प्रारंभिक स्थल पर एक विशेष प्रकार की मैट बिछाई जाएगी, जिसे पार करते ही चिप में समय और दूरी की गणना शुरू हो जायेगी। वही तिवारी ने बताया कि इंदिरा मैराथन रूट पर विभिन्न स्थानों पर बने टर्निंग प्वाइंट एवं समाप्ति रेखा पर भी मैट बिछी रहेगी, जिसे पार करते ही आंकड़े दर्ज होते रहेंगे। मैराथन दौड़ पूरी करने के बाद धावकों को चिप वापस करनी होगी। जिसे बाद में कंप्यूटर से भी जोड़ कर धावक की दौड़ का पूरा लेखा जोखा उपलब्ध हो सकेगा। चिप की मदद से किसी भी धावक के आधे रास्ते में दौड़ छोडऩे या बीच से दौड़ में शामिल होने जैसे प्रयासों को नाकाम बनाया जा सकेगा। उन्होने बताया कि खेल विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित होने वाले इंदिरा मैराथन में अभी तक 35 धावकों ने अपना पंजीकरण कराया है। कोरोना के कारण वर्ष 2020 में इंदिरा मैराथन का आयोजन नहीं किया गया था। उन्होने बताया कि 17 और 18 नवंबर को धावकों को चेस्ट नंबर के साथ ही चिप भी दी जाएगी।
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी ने बताया कि इंदिरा मैराथन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार दो लाख रुपये, द्वितीय एक लाख और तृतीय पुरस्कार 75 हजार रुपये दिये जाएंगे। इसके अलावा 11 खिलाडिय़ों को सांत्वना पुरस्कार के तौर पर दस-दस हजार रुपये दिए जाएंगे। मैराथन की दूरी पुरुष व महिला दोनों वर्गों दोनों के लिए एक समान 42.195 किलोमीटर होगी।
यह प्रतियोगिता 19 नवंबर को सुबह 6 बजे आनंद भवन से शुरू होगी। निर्धारित मार्गों से होते हुए धावक समापन स्थल मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में पहुंचेंगे।