क्राईम स्टोरी न्यूज़। राज्य कर विभाग से लेकर पैरवी करने वाले अधिवक्ता और कोर्ट तक हर स्तर पर तेजी दिखाई दी। हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट(सीजेएम) मुकेश चंद्र आर्य की अदालत ने आठ माह में ट्रायल पूरा कर जीएसटी चोरी के दोषी को सजा सुनाई है। आयुक्त राज्य कर डा. अहमद इकबाल के अनुसार यह जीएसटी चोरी में देश में पहली सजा है। आयुक्त राज्य कर डा. अहमद इकबाल के निर्देश पर करीब आठ माह पहले विभाग की केंद्रीयकृत इकाई (सीआइयू) ने फर्जी आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम के मामले में मैनपावर आपूर्तिकर्त्ता फर्म पीएस इंटरप्राइजेज समेत छह फर्मों पर छापेमारी की थी। जांच में पता चला कि पीएस इंटरप्राइजेज के संचालक सुरेंद्र सिंह ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा की फर्मों से आयरन ओर प्लाइवुड की फर्जी खरीद की है। यह खरीद उन्होंने अपनी पांच अन्य फर्मों के माध्यम से की। जांच में यह भी पता चला कि जिन फर्मों से फर्जी खरीद दिखाई गई है, वह अस्तित्व में ही नहीं हैं। गंभीर यह कि फर्जी खरीद पर फर्म संचालक सुरेंद्र सिंह ने विभाग से 17.01 करोड़ रुपये का क्लेम भी प्राप्त किया है। इस मामले में जीएसटी टीम ने पांच अप्रैल 2022 को सुरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। प्रकरण में अधिकारियों से लेकर अधिवक्ता लक्ष्य सिंह ने मजबूत पैरवी की। जिसके बूते आठ माह में ट्रायल पूरा कर लिया गया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरिद्वार मुकेश चंद्र आर्य ने दोषी को पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुना दी। साथ ही सुरेंद्र सिंह पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी यह भी कहा गया।