क्राइम स्टोरी न्यूज़ बरेली: आठ साल की उम्र में पिता ने बेटी की शादी कर दी। बालिका बधू बनकर गई नाबालिग को ससुरालियों ने मां बनने पर जोर दिया। जब तक वह 16 साल की हुई उसके तीन बेटियां पैदा हो गई। बेटे की चाहत पूरी नहीं करने पर पति ने उसे मारना पीटना शुरू कर दिया। नौबत जान से मारने तक की आ गई। यह सब झेल रही नाबालिग को उसके एक रिश्तेदार ने अपने साथ रखने की बात कही। तब वह अपने साथ एक बेटी को लेकर चली गई। मामले में पति ने अपहरण की धाराओं में प्राथमिकी पंजीकृत कराई। जब उसका मेडिकल हुआ तो वह नाबालिग मिली। इसके बाद उसे बाल कल्याण समिति में पेश किया गया। मामला बिथरी थाना क्षेत्र का है। बिथरी चैनपुर के एक गांव की रहने वाली नाबालिग के तीन बहने और एक भाई है। परिवार में सबसे छोटी बेटी होने के बाद भी पिता ने आठ साल की उम्र में उसके हाथ पीले कर दिए। उसे लगा कि ससुराल में उसे सुख मिलेगा। मगर ससुरालियों ने प्यार तो दूर की बात उस पर रहम तक नहीं किया। उल्टा उसे मां बनने पर जोर दिया। जब तक वह 16 साल की हुई तब तक वह तीन बेटियों को जन्म दे चुकी थी। पहली बेटी पैदा होने के बाद से ही पति बेटे की मांग करने लगा। जब दूसरी बेटी पैदा हुई तो उसने उसे और ज्यादा प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। यह सब झेल रही नाबालिग के जब तीसरी भी बेटी हुई तो पति ने खाना पीना तक बंद कर दिया। इसी बीच नाबालिग के एक दूर का रिश्तेदार का घर आना जाना हुआ तो उसे नाबालिग से सहानुभूति हो गई। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी तो रिश्तेदार ने नाबालिग को अपने साथ चलने के लिए कहा। इस पर एक बेटी को लेकर रिश्तेदार प्रेमी के साथ चली गई। मामले में पति ने बिथरी चैनपुर थाने में प्राथमिकी पंजीकृत कराई। प्राथमिकी में पति ने पत्नी के अपहरण होने की बात लिखाई थी। उसमें उम्र का कोई जिक्र नहीं किया। पुलिस ने शाहजहांपुर से नाबालिग को बरामद किया। जब मेडिकल कराया तो एक बार को पुलिस भी चकरा गई। उसी बीच उसकी मार्कशीट भी पुलिस के हाथ लग गई। जिसके हिसाब से नाबालिग की उम्र केवल 16 वर्ष है। नाबालिग होने की वजह से उसे बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। जहां से समिति ने उसे पिता के सुपुर्द किया है।