क्राइम स्टोरी न्यूज़ विकासनगर। जौनसार के करीब दो सौ गांवों में बूढ़ी दीपावली का परंपरागत तरीके से समापन हो गया। शनिवार को काठ के हाथी और हिरन नृत्य का आयोजन किया गया। देर रात तक पंचायती आंगन लोककला और संस्कृति से गुलजार रहे। जनजातीय क्षेत्र जौनसार में पिछले चार दिनों से पहाड़ की परंपरागत बूढ़ी दीपावली का शनिवार को समापन किया गया। बड़ी संख्या में जुटे ग्रामीणों ने पंचायती आंगनों में काठ के हाथी पर बैठकर नृत्य किया। महिलाओं ने परंपरागत तरीके से जौनसारी तांदी नृत्य की प्रस्तुति से शिरगुल देवता की आराधना की। जौनसार के कई ग्रामीण इलाकों में हिरन नृत्य का आयोजन किया गया। क्षेत्र के कई मंदिरों व पंचायती आंगन में ग्रामीणों ने परंपरागत हिरन नृत्य के साथ बूढ़ी दीपावली मनाई। जौनसार के ज्यादातर गांवों में शनिवार को हाथी नृत्य व हिरन नाच के साथ बूढ़ी दिवाली का परंपरागत तरीके से समापन किया गया। जबकि, क्षेत्र के कुछ अन्य गांवों में रविवार सुबह बूढ़ी दीपावली का समापन होगा। बूढ़ी दीपावली मनाने बाहर से पैतृक गांव लौटे परिवारों ने अपने परिजनों के साथ जश्न मनाया। समापन अवसर पर पंचायती आंगन में जुटे ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से रणसिंघे और ढोल-दमोऊ की थाप पर हारूल के साथ जौनसारी तांदी नृत्य की प्रस्तुति से समां बांधा। ग्रामीणों ने मंदिरों में कुल देवता की पूजा-अर्चना कर खुशहाली की कामना की।