रुड़की। भगवानपुर विधायक के पुत्र-पुत्री के भाजपा में शामिल होना झबरेड़ा के पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल के लिए झटका माना जा रहा है। देशराज की पुत्री भी बीडीसी सदस्य का चुनाव जीती थी। विधायक की बीडीसी सदस्य पुत्री के चुनाव पर आपत्ति उठाते हुए उन्होंने निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी। जिस पर जांच के आदेश हुए हैं। देशराज का कहना है कि राकेश परिवार को जांच का डर है। लेकिन क्या इस कारण वह भाजपा में शामिल हुए इस पर वह चुप्पी साध गए। झबरेड़ा से विधानसभा का टिकट कटने के बाद देशराज कर्णवाल भगवानपुर में सक्रियता बढ़ा रहे थे। उनकी पुत्री करुणा बीडीसी सदस्य का चुनावी जीती और ब्लॉक प्रमुख पद के लिए भाजपा की स्वाभाविक दावेदार मानी जा रही थी। विधायक ममता राकेश की पुत्री के निर्विरोध बीडीसी सदस्य बनने पर करुणा ने राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी। उनका कहना था कि नगर पंचायत क्षेत्र में रहने वाला पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकता। जिस पर निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारी को जांच करने को कहा था। शनिवार को मीडिया को जारी बयान में करुणा ने कहा कि राकेश परिवार नगर पंचायत क्षेत्र में मतदाता है। राकेश परिवार पर कई और आरोप लगाए। रविवार को आयुषी भाजपा में शामिल हो गई। राकेश परिवार के साथ सियासी टक्कर लेने के इरादे से मैदान में उतरे देशराज कर्णवाल के लिए यह झटका माना जा रहा है। पूर्व विधायक देशराज का कहना है कि राकेश परिवार को जांच का डर सता रहा है। क्या इस डर से वह भाजपा में शामिल हुए इस पर उन्होंने चुप्पी साध ली और कहा कि वह पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। भगवानपुर की स्थानीय इकाई, सांसद डॉ. निशंक के कहने पर वह बीडीसी सदस्य का चुनाव लड़े। सांसद ने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से बात की थी। पार्टी का जो आदेश होगा वह मान्य रहेगा। उनका पूरा जीवन पार्टी के लिए समर्पित है।