खनन माफिया क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन कर रहे है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर खनन माफिया को किसका सरंक्षण प्राप्त है। माफिया विरोध होने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर हमला करने से भी बाज नहीं आते हैं क्षेत्र में कई बार खनन माफिया आपसी टकराव की स्थिति में आ चुके है। मंगलौर के नारसन स्थित सकौती घाट पर अवैध खनन कर रहे माफिया ने रोक टोक करने पर पीएससी के जवानों पर हमला कर दिया था। खनन माफिया ने उनके डंडे छीन लिए थे और उनके साथ धक्कामुक्की भी की थी। खनन माफिया से बचने के लिए जवानों को हवाई फायरिग तक करनी पड़ी थी। आखिर किसकी शह पर खनन माफिया ने पुलिस टीम पर हमला किया था। यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सकौती घाट पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के खनन माफियाओ के बीच फायरिग तक हो चुकी है। कई बार ग्रामीणों से भी टकराव हुआ है। वहीं दो माह पूर्व बुग्गावाला क्षेत्र में खनन पकड़ने गई भगवानपुर तहसीलदार के साथ गए होमगार्ड पर खनन माफिया ने ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया था। जिसमें वह बाल बाल बचा था। इससे पहले भी बुग्गावाला क्षेत्र में प्रशासन के अधिकारियों से खनन माफिया का टकराव हो चुका है। पांच साल पूर्व भी टोड़ा गांव में खनन पकड़ने गए तत्कालीन एएसपी पर खनन माफिया ने तमंचा तान दिया था। बाद में प्रशासन ने आरोपियो पर मुकदमा दर्ज किया था। इस तरह के कई मामले होने के बावजूद पुलिस खनन माफिया का नेटवर्क तोड़ पाने में नाकाम साबित हो रही है। एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि खनन माफिया का नेटवर्क ध्वस्त किया जाएगा। और अवैध खनन पर सख्ती बरती जायेगी

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