क्राईम स्टोरी न्यूज़ रामनगर। कार्बेट टाइगर रिजर्व के जंगल में एक बाघिन और टस्कर हाथी के हुए संघर्ष में बाघिन ने अपनी जान गंवा दी। सुबह वनकर्मियों को उसका शव जंगल में बरामद हुआ। हमले के दौरान टस्कर हाथी के दांत के प्रहार से बाघिन के सिर से रक्तस्राव होने से उसकी मौत हुई है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज के पथरूवा पूर्वी बीट कपांर्टमेंट नंबर छह वन क्षेत्र में वन कर्मियों ने रविवार की सुबह एक बाघिन का शव देखा। उसके सिर से रक्तस्राव हो रहा था। सूचना पर कार्बेट के उपनिदेशक राहुल मिश्रा, कालागढ़ एसडीओ बिंदर पाल, ढेला रेंजर नवीन चंद्र पांडे मौके पर पहुंचे।
इसके बाद बाघिन के शव का ढेला रेस्क्यू सेंटर लाकर कार्बेट के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी दुष्यंत शर्मा व रामनगर के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी राजीव सिंह ने पोस्टमार्टम किया। एसडीओ बिंदर पाल ने बताया कि मौके पर हाथी व बाघिन के पैरों के निशान मिले हैं। हाथी कुछ दिन से जंगल से आबादी में भी जा रहा था। टस्कर हाथी के हमले से ही बाघिन की मौत होने की संभावना है। बाघिन की उम्र पांच से छह साल आंकी जा रही है। ढेला रेजर नवीन चंद्र पांडे ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि हाथी ने बाघिन के सिर पर भी पैर रखा है। जिससे बाघिन के सिर की हडडी टूट गई है। फोरेसिंक जांच के लिए शव के अंगों के सेंपल लेकर भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा जा रहा है। सुबह शव मिलने के दौरान घटना स्थल के आसपास छानबीन कराई गई थी। वहीं टस्कर हाथी को भी देखा गया है।

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