क्राइम स्टोरी न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी और सहायता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्कूल प्रबंधन समितियों में अब महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिलेगा। इस संबंध में राज्य के सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार ने कहा, स्कूल प्रबंधन समिति में 15 सदस्य होंगे। इसमें 11 सदस्य पढऩे वाले बच्चों के माता-पिता या अभिभावक होंगे, लेकिन समिति में 50 फीसदी महिलाएं होंगी। मौजूदा स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त होगा और उनकी जगह नई समिति बनाई जाएंगी। शेष चार सदस्यों में स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचित सदस्यों में से एक सदस्य शामिल होगा। एक सदस्य सहायक नर्स और दाइयों (एएनएम) में से लिया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा मनोनीत एक लेखपाल एवं एक सदस्य विद्यालय का प्रधानाध्यापक होगा। प्रधानाध्यापक न होने की दशा में प्रभारी प्रधानाध्यापक समिति का पदेन सदस्य-सचिव होगा। आदेश में कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और कमजोर वर्गों के बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों को (संबंधित) स्कूल प्रबंधन समिति के माता-पिता सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है: एक ही परिसर में स्थापित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और संयुक्त विद्यालयों में केवल एक विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा। राज्य के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा। अधिकारी ने कहा स्कूलों में नई स्कूल प्रबंधन समितियों के गठन का कार्य 20 से 30 नवंबर की अवधि के दौरान पूरा कर लिया जाएगा।

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