सहारनपुर। देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव दाबकी गुर्जर के रहने वाले 11वीं के छात्र की हत्या का मामला गरमाता जा रहा है। बुधवार को 10 से 12 ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर ग्रामीण एसएसपी आफिस पहुंचे और आफिस का घेराव करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही पुलिस के खिलाफ खूब नारेबाजी भी की गई। हत्यारों को फांसी की मांग की गई। करीब एक घंटे तक एसएसपी आफिस पर ग्रामीण डटे रहे। ग्रामीणों की मांग थी कि नामजद दोनों युवकों को उठाकर उनसे मामले में पूछताछ की जाए। बाद में एसपी ट्रैफिक और दो सीओ आफिस पहुंचे और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए।

दरअसल, दाबकी गुर्जर निवासी सैकड़ों ग्रामीणों को कलक्ट्रेट से कुछ दूरी पर पुलिस ने रोक लिया, जिसके बाद ग्रामीण पैदल ही सड़क पर चलने लगे और एसएसपी दफ्तर की तरफ बढ़ने लगे। ग्रामीण युवाओं के हाथों में तख्ती थी और जुबान पर हत्यारोपितों को फांसी दो के नारे थे। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों को एसएसपी आफिस के गेट मे घुसने से भी रोका गया, लेकिन वह पुलिस को धकेलते हुए एसएसपी आफिस में दाखिल हो गए। आफिस के बाहर सभी ग्रामीण बैठ गए और मांग करने लगे कि आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। हंगामा बढ़ता देख एसपी ट्रैफिक प्रेमचंद, सीओ आफिस रामकरण, सीओ-टू नीरज सिंह, सदर बाजार थाना प्रभारी हरेंद्र सिंह आदि अधिकारी फोर्स के साथ एसएसपी आफिस पहुंचे और ग्रामीणों की मांगों को गंभीरता के साथ सुना। ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि देहात कोतवाली प्रभारी ने मृतक हर्ष को तलाशने में लापरवाही बरती है। यदि वह सतर्कता से काम लेते तो हर्ष को बचा लिया गया होता। इसके बाद नामजद मुकदमा दर्ज कराया तो आरोपितों से एक बार भी पूछताछ तक नहीं की गई। घर पर दबिश तक नहीं दी गई। एसपी ट्रैफिक ने उसी समय एसओजी की टीम को बुलाया और दोनों आरोपितों को गिरफ्तारी के लिए भेजा। ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी और इंस्पेक्टर की लापरवाही की भी जांच होगी, जिसके बाद नरेश सैनी के नेतृत्व में ग्रामीण वापस लौट गए।

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