सहारनपुर। जीएसटी की बढ़ी दर तथा कच्चे माल के दाम में बढ़ोतरी से कारोगेटरस बाक्स उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच गया है। सहारनपुर कारोगेटरस बाक्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन ने केंद्र व राज्य सरकार से अपील की है कि इस कुटीर उद्योग से जुड़े लाखों लोगों को बेरोजगार होने से बचाने के लिए प्रभावी उपाय करने होंगे।

सहारनपुर कारोगेटरस बाक्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन की एक होटल में आयोजित बैठक में अध्यक्ष विमल विरमानी ने कहा कि पिछले करीब दस माह से इस उद्योग के कच्चे माल व जीएसटी में 80 प्रतिशत तक की वृद्धि हो चुकी है। इतना ही नहीं पोर्टल पर आज भी इस उद्योग पर 12 प्रतिशत जीएसटी दर्शाया गया है और 18 प्रतिशत लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रमुख क्राफ्ट पेपर मिलों का मनमाना रवैया उत्तरदायी है। पेपर मिलों ने अपना लाभ बढ़ाने के लिए वेस्ट पेपर पर अपना कनवरजन चार्ज भी बढ़ा दिया है तथा जानबूझकर वेस्ट पेपर के मूल्यों को स्थिर रखने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। इस कारण इस कुटीर उद्योग पर बंदी के बादल मंडरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उद्योग बंद हुआ तो पूरे देश के उद्योगों को भी भारी झटका लग सकता है। कहा कि जीएसटी काउंसिल ने एक अक्टूबर 2022 से पहले ही जीएसटी की दर 12 प्रतिशत बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है जिससे इस उद्योग पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कहा कि जीएसटी की दर 12 प्रतिशत ही की जाए इस संबंध में पूर्व में भी मांग की गई थी। विरमानी ने कहा कि पूरे देश की पेपर कारोगेटिड बाक्स इकाईयों को अपना अस्तित्व बचाने के लिए ठोस निर्णय लेना होगा।

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