क्राईम स्टोरी न्यूज़ रुड़की मानसिंह। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुंजा बहादुरपुर (रुड़की) हरिद्वार में 1822- 24 की क्रांति के दौरान शहीद हुए राजा विजय सिंह एवं सेनापति कल्याण सिंह और सभी 152 शहीदों के 200 वें बलिदान दिवस के अवसर पर उपस्थित होकर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश की आजादी से पूर्व दिया गया इस तरह का सर्वस्व बलिदान बहुत प्रेरणादायक है और आने वाली पीढ़ी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए, साथ ही स्मरण रखना चाहिए कि आजादी बहुत बड़े संघर्ष और बलिदान के उपरांत मिली है।उन्होंने कहा कि कुंजा बहादुरपुर की वीर भूमि से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम ज्वाला प्रज्ज्वलित हुई। यह भारतीय इतिहास की एक ऐंसी वीर भूमि है, जिसने 1822-1824 के दौरान अंग्रेजी हकूमत के खिलाफ विद्रोह का ऐसा शंखनाद कि था जिससे सम्पूर्ण अंग्रेजी हकूमत कांप उठी थी। उन्होंने कहा कि जब शहीद राजा विजय सिंह, सेनापति कल्याण सिंह और उनके 152 वीर सैनिकों ने मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी। उन्होंने कहा कि राजा विजय सिंह और उनके साथियों की वीरता ने हमें यह भी
सिखाया है कि स्वतंत्रता कभी भी भीख में नहीं मिलती, इसे वीरता, संघर्श और बलिदान से ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने जो लड़ाई लड़ी हमारे लिए एक मिशाल है। उन्होंने कहा कि इस बलिदानी स्थल को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में पहचान मिले तथा शहीदों के बलिदान को पाठ्यक्रम में स्थान मिले इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। सरकार ने इस संदर्भ में पूर्व में भी अनेक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से आजादी के अमृत महोत्सव में हम राष्ट्र के सभी गुमनाम महानायकों, राष्ट्रभक्तों और बलिदानियों को वह स्थान और सम्मान दे रहे हैं जिसके वे वास्तव में हकदार हैं। इस अवसर पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ’ निशंक’, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, भगवानपुर विधायक ममता राकेश व विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, दर्जा राज्यमंत्री विनय रूहेला सहित संबंधित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।